Shree Ram Mandir (श्री राम मंदिर) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जो आपको अयोध्या जाने से पहले जरूर जानना चाहिए |
राम मंदिर कब तक बनेगा, मैं भी एक दिन राम लला जा दर्शन करने जाऊंगा अयोध्या , देखना है उसमें इतना खास क्या-क्या है ऐसे ख्याल सबके मन में आ रहे होंगे क्योंकि जो इतनी धूम मची है राम मंदिर के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरे भारत को राममय कर दिया है।
इस समय सब लोग जाना चाह रहे हैं राम मंदिर देखने। तो आप भी देखना चाहते हैं की क्या-क्या है इस राम मंदिर में, क्या खास है राम मंदिर में ? और आप भी अयोध्या जाने की तयारी हैं तो यह आपके लिए है।
तो क्यों न जाने से पहले आप यह जान ले कि हमें वहां जाने के बाद क्या-क्या देखना चाहिए और कौन से कौन सी जगह पर जाना चाहिए। राम मंदिर की विशेषताएं उससे जुड़ी कलाकृति और वहां के मंदिर से जुड़े सभी जानकारी थोड़ा हम यही प्राप्त कर ले तो वहां नजदीक से जाकर देखने का अलग ही आनंद होगा |
Shree Ram Mandir में आईए जानते हैं क्या है खास?
170 साल के लगातार संघर्ष के बाद 2020 में मंदिर बनाने का कार्य प्रारंभ हुआ| 5 अगस्त 2020 को रामलाल मंदिर बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा शिलान्यास किया गया इसमें मोदी जी के द्वारा 40 किलो की चांदी की ईट स्थापना की गई |
इस दौरान देशभर के सभी बड़े-बड़े मंदिरों से मिट्टी मंगाया गया व देश के सभी बड़े नदियों जैसे गंगा जमुना सरस्वती गोदावरी आदि से जल मंगाया गया था।
शिलान्यास के दौरान हिन्दू धर्म के सभी देवी देवताओं को इस दिन उपस्थित होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था।
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कौन बना रहा है? Shree Ram Mandir
इसमें मुख्य रूप से काम करने वाली कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो एक भारतीय कंपनी है | तथा इसमें सहायक भारत के आईआईटी मद्रास आईआईटी मुंबई आईआईटी दिल्ली के लोग भी सहायता करने में शामिल है, इसका काम केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान तथा राष्ट्रीय भू भौतिकी अनुसंधान संस्थान और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के देखरेख में हो रहा है| इसमें लगभग 2000 मजदूर तीनों शिफ्ट में काम करते हैं तथा सैकड़ो मशीन इस निर्माण कार्य में शामिल है|
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Shree Ram Mandir का डिजाइन किसने बनाया –
देशभर में 130 से ज्यादा हिंदू मंदिरों को तैयार करने वाला यह परिवार अहमदाबाद के सोमपुरा परिवारहै। इसी परिवार के द्वारा राम मंदिर का भी निर्माण किया जा रहा है इस परिवार द्वारा 1988 में ही उसका मूल डिज़ाइन तैयार किया गया था |
2020 में इसके मूल डिजाइन में कुछ बदलाव कर दिया गया।
राम मंदिर के वास्तुकार चंद्राकर सोमपुरा है व उनके सहयोग में उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा भी है। जो की एक प्रसिद्ध आर्किटेक्ट है इनका परिवार लगातार 16 पीढ़ी से मंदिर कार्य में जुड़ा हुआ है इनको मंदिर बनाने में महारत हासिल है।
रामलाल की मूर्ति की विशेषता– Shree Ram Mandir Ayodhya
भगवान राम का बाल स्वरूप को रामलाल के नाम से जाना जाता है, इसी स्वरूप को मंदिर के गर्भ में स्थापित किया जाएगा। बताया जाता है कि मंदिर में रामलाल की दो मूर्ति रखी जाएगी। जिसकी एक मूर्ति 1949 मेंखुदाई के दौरान मिली थी जो की मस्जिद के नीचे दबी हुई थी ,उसे भी रखा जाएगा तथा दूसरी मूर्ति जो नई बनाई जा रही है है उसे भी रखा जाएगा।
नई मूर्ति बनाने के लिए नेपाल के शालिग्राम से दो बड़े-बड़े पत्थर लाए गए हैं यह पत्थर विशेष रूप से चुना गया क्योंकि यह 6 करोड़ साल पुरानी पत्थर है एक पत्थर का वजन 26 टन और दूसरे का 24 टन है। नेपाल के मुस्तांग जिले में बहने वाली काली गण्डकी नदी से ये दोनों पत्थर लाया गया है।
रामलला मंदिर की विशेषता क्या है?
राम मंदिर कुल 10 एकड़ में बनाया गया है ,तथा इस मंदिर का परिसर 57 एकड़ में बनाया जाएगा इस मंदिर में लगभग 70% भाग हरा भरा रखा जाएगा।
राम मंदिर पूरबमुखी द्वार के अनुसार डिजाइन किया गया है. इसमें पांच गुंबज होंगे तथा तीन मंजिल होगी ग्राउंड फ्लोर पर राम लला का दरबार होगा।
राम मंदिर में सिंह द्वार से प्रवेश करने पर सबसे पहले रंग मंडप होगा उसके बाद नृत्य मंडप होगा उसके बाद क्रुदु मंडप होगा तथा गर्भग्रह होगा तथा सबसे अंतिम में मंदिर का मुख्य शिखर होगा।
राम मंदिर की ऊंचाई 161 फीट है जो की तीन मंजिला है. इस मंदिर की चौड़ाई 235 फीट ,और लंबाई 360 फीट है। इस मंदिर में 366 खंबे हैं। हर खंबे की ऊंचाई लगभग साढे 14 फीट होगी तथा हर खंभे पर 16 मूर्तियां बनायीं जाएंगी , इसमें 160 खभे खबरें फर्स्ट फ्लोर पर 132 खंबे दूसरी मंजिल पर तथा 74 खंभे तीसरी मंजिल पर होंगे ।
Shree Ram Mandir किस शैली में बनाया गया है?
राम मंदिर को बनाने में वास्तु शास्त्र का पूरा ध्यान रखा गया है उत्तर भारत में ज्यादातर प्रचलित नागर शैली है। इसलिए इसका ध्यान रखते हुए इस मंदिर को भी नगर शैली में ही निर्माण किया गया और इसका गर्भगृह अष्ट कोड में है , जिसमें परिक्रमा करने के लिए गर्भगृह के बाहर बाहर गोलघेरा बनाया गया है
Shree Ram Mandir में लगने वाले घंटा–
मंदिर का मुख्य घंटा लगभग 600 किलो का बनाया गया है जो 21 धातु को मिश्रित करके बनाया गया है बताया जाता है कि इससे होने वाली ध्वनि को 10 किलोमीटर के परिधि में पूरी तरह से सुना जा सकता है।
तथा इसके साथ-साथ विभिन्न प्रकार के 10 छोटे घंटे भी लगाएं जाने वाले हैं इनका वजन 500 किलोग्राम तथा ढाई सौ किलोग्राम तथा 100 किलोग्राम का होगा
घंटा बनाने वाली कंपनी उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर की है यहां के लोग पूरी दुनिया में गुरु और घंटी बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
Shree Ram Mandir में कितने भाग है
राम मंदिर में 6 मुख्य भाग है, मंदिर में एक प्रार्थना करने के लिए प्रार्थना कक्ष होगा, एक व्याख्यान कक्षा होगा,एक वैदिक पाठशाला जो शैक्षिक सुविधा देने के लिए, एक संत निवास करने के लिए संत निवास ,और एक यति निवास होगा जिसमें आने-जाने वाले छात्र-छात्राओं के निवास के लिए होगा ,और एक बड़ा संग्रहालय होगा और एक कैफेटेरिया भी होगा। इस मंदिर का प्रस्तावित मॉडल इलाहाबाद प्रयागराज कुंभ के मेले में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया था।
Shree Ram Mandir के आसपास के क्षेत्र में क्या है –
मंदिर के चारों तरफ रामायण की झांकी महाभारत की झांकी बनाने का भी प्रस्ताव किया गया है। तथा इसमें वैदिक पुराण व देवी देवताओं तथा भारत के महान ऋषियों की जीवनी भी प्रदर्शित का प्रस्ताव किया गया है जिसका काम मुख्यमंत्री के निर्माण के बाद प्रारंभ किया जाएगा।
Shree Ram Mandir कब तक पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा
22 जनवरी 2024 को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा इस दौरान रामलाल की मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया जाएगा
भारत सरकार का टारगेट है कि यह मंदिर 2024के अंत तक पूर्ण रूप से बन जाएगा|
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