तो शायद कहना गलत नहीं होगा कि एक खबर पूरे देश में संक्रमण ( Sankraman) की तरह फैल गई क्योंकि सोशल मीडिया का जमाना है और इससे किसी भी खबर को तोड़ मरोड़ कर पूरे देश विदेश में फैलाना आम बात हो गई है।
आम तौर पर हमारे देश भारत में 14 जनवरी तथा 15 जनवरी को मकर संक्रांति नामक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।
लेकिन एक खबर पूरे भारत में बहुत तेजी से फैल रही है कि 14 जनवरी तथा 15 जनवरी को मकर संक्रमण Sankraman मनाया जा रहा है दरसल यह खबर तब फैली जब भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने अपने एक आधिकारिक भाषण के दौरान मकर संक्रांति के बजाय मकर संक्रमण Sankraman कह दिया,
उन्होंने इसे करेक्ट करके उत्तरायण बताया जो की गुजरात और राजस्थान में इसी नाम से जाना जाता है। लेकिन सोशल मीडिया का दौर है। हर आदमी लोगों के नस पकड़ना चाहता है जैसे ही लोगों को यह मसाला मिला लोगों ने इसे पूरे सोशल मीडिया पर फैला दिया।
Makar Sankraman नहीं मकर संक्रांति की बात हो रही है।
यह न्यूज़ का एक क्लिप है जिसका मैं लिंक आपको दिया गया है। इसको ट्विटर हैंडल अकाउंट से ट्वीट किया गया है ,उन्होंने ऑब्जेक्शन लेते हुए लिखा है कि मकर संक्रमण Sankraman कौन सा त्यौहार है.
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भारत के प्रधानमंत्री जी अपने एक आधिकारिक भाषण में मकर संक्रांति का जिक्र करते हुए लोगों को बधाई देना चाह रहे थे। और उनके भाषण में यह बोलते हुए क्लिप बना दिया गया की मकर संक्रांति का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है किसी न किसी रूप में , कोई इसे 14 जनवरी को मानता है कोई 15 जनवरी को मनाएगा। इसी के दौरान माननीय जी से मकर संक्रांति की जगह मकर संक्रमण का उच्चारण हो गया जिसको लोगों ने पूरे देश में संक्रमण की तरफ फैला दिया।
मकर संक्रांति के बारे में विशेष जानकारी जो आप सबको जाननी चाहिए
मकर संक्रांति भारत के मुख्य त्योहारों में से एक है यह पूरे भारत ,नेपाल में भिन्न-भिन्न रूपों नाम से मनाया जाता है मान्यता है कि पौष महीने में जिस दिन सूरज मकर राशि में प्रवेश करता है ठीक उसी दिन इस पर्व को मनाया जाता है.
यह त्योहार ज्यादातर जनवरी माह के 14 में या 15 में दिन ही होता है। इसी दिन धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में सूर्य प्रवेश करता है।
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आईए जानते हैं इसे पूरे भारत में किस-किस नाम से जाना जाता है.
उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी या मकर संक्रांति के नाम से मनाते हैं। बिहार में यह त्यौहार तिल संक्रांति के नाम से मनाया जाता है, और इसको कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहते हैं क्योंकि 14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है जिससे इसे उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
आंध्र प्रदेश में भी केवल संक्रांति के नाम से मनाते हैं कर्नाटक केरल तेलंगाना में भी इसे संक्रांति ही कहते हैं तथा तमिलनाडु राज्य में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है.
नॉर्थ ईस्ट यानी कि उत्तर भारत असम में माघ बिहू के नाम से मनाया जाता है गुजरात राजस्थान में उत्तरायण के नाम से बनाया जाता है हरियाणा पंजाब में मांगी लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है जम्मू और कश्मीर में इस शिशु संक्रांत नाम से मनाया जाता है उड़ीसा में मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है आंध्र प्रदेश में पेठा पांडुआ के नाम से पश्चिम बंगाल में पॉज संक्रांति महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति कर्नाटक में मकर संक्रमना के नाम से भी जाना जाता है.
यदि गई खबर ट्विटर से ली गई है जिसको विनीत जैन 7 नामक। ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया था उसका लिंक आपको दे दिया गया है यह खबर कितना सत्य है इसकी पुष्टि भारतीय खबर नहीं करता है।
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