हसदेव जंगल (Hasdeo forest) कौन और क्यों काट रहा है ? जाने सारी जानकारी|2024

हसदेव जंगल (Hasdeo forest) कहाँ है ?

हसदेव जंगल (hasdeo forest) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है| यह 170000 हेक्टेयर में फैला हुआ है इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा आदिवासी जनजाति के लोग निवास करते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा गोंड जाति के लोग हैं, हसदेव जंगल से होकर हसदेव नदी गुजरती है. यह जंगल मुख्यतः तीन जिला कोरबा सूरजपुर सरगुजा में फैला हुआ है|

Hasdeo forest
Hasdeo jungle image
hasdev jungle

छत्तीसगढ़ के गीत में सुनिए Hasdeo Jungle के मन की बात

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मनोनीत है कि इस जंगल में गोंड और उरांव व अन्य जाति के लगभग 11000 लोग रहते हैं भारतीय वन्य जीव संस्थान के अनुसार बताया गया कि लोकल समुदाय की वार्षिक आए का लगभग 65 से 70% वन जंगल पर आधारित है|

हसदेव जंगल की विशेषता

भारतीय खनन विभाग द्वारा खोज करने के बाद पता चला कि हसदेव जंगल और आसपास की जमीनों के नीचे काफी मात्रा में कोयला उपस्थित है

हसदेव अरंड कोयला क्षेत्र 18 79.6 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है इसमें हसदेव अरंड एक बड़ा कोयला क्षेत्र है जिसमें अनुमान लगाया कि 5.2 बिलियन टन कोयला भंडार है इसे दो फेज में खोदने का फैसला लिया गया |

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पहले फेस में 762 हैकटेयर खोदना तय किया गया और दूसरे फेस में 1136 हैकटेयर तय किया गया काफी विवादों के साथ पहले पेज की खुदाई 2010 के आसपास चालू की गई|

hasdeo jungle

हसदेव जंगल में कोयला खनन की शुरुआत कैसे हुई (फेस 1)

तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2010 में 1898 हेक्टेयर हसदेव जंगल (Hasdeo forest) को परसा पूर्व और कांता बावन कोयला क्षेत्र में स्थानांतरित करके कोयला क्षेत्र में खनन करने की सिफारिश की गई| जिसे राजस्थान की एक कंपनी को दिया जान था 2011 में केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने काफी मात्रा में पेड़ काटे जाने की वजह से इस खनन पर पे रोक लगा दी| तथा कुछ दिन बाद मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम नरेश के द्वारा फिर से खनन चालू कर दिया गया |

Hasdeo jungle फेज 2

तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च 2022 में फेस टू की खुदाई के लिए अनुमति दे दिया फेस टू की खुदाई में 242670 पेड़ काटा जाना था इतनी बड़ी संख्या में पेड़ की कटाई को देखते हुए लोकल लोगों ने उसका विरोध शुरू कर दिया| जिसमें उनके द्वारा बताया गया की फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत वहां के लोकल लोगों से अनुमति नहीं लिया गया। बिना उनकी अनुमति के पेड़ काटने का परमिशन दे दिया गया है. जिस परमिशन पेपर को दिखाया गया उसमें सभी गांव के मृतकों के हस्ताक्षर मिले।

जिसको देखते हुए लोगों ने काफी विरोध किया। बड़े पैमाने पर विरोध देखते हुए AUGUST 2022 भूपेश बघेल सरकार द्वारा खनन में रोक लगा दी गई|

hasdeo jungle

Hasdeo forest का विरोध करने की वजह

Hasdeo forest के लोकल नागरिकों का पहले फेज की खुदाई से ही विरोध करना चालू कर दिया था, क्योंकि उनका मानना था कि इस जंगल के कट जाने के बाद पानी की कमी और उनके जीवन यापन करने की सुविधा में कमी हो जाएगी| क्योंकि एक शोध के अनुसार पता लगा कि 65 से 70% उनका वार्षिक आय जंगल पर ही निर्भर करता है | इसलिए खनन आदेश को कई बार ना मानते हुए उन्होंने बड़े पैमाने पर विरोध किया उन्होंने इसके लिए हसदेव अरंड बचाओ संघर्ष समिति बनाया इस समिति से छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन समूह केसमर्थक भी सम्मिलित हुए और एक बड़े पैमाने पर विरोध किया|

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Hasdeo Jungle कटा तो क्या होगा

हसदेव जंगल कटा तो अनुमान भी लगाना मुस्किल हो जायेगा की क्या हो सकता वैसे एक पत्रिका की माने तो भारत की गर्मी का तापमान 65 डीग्री से कहीं उपर जा सकता है .

WASHINGTON REPORT ON Hasdeo forest

वाशिंगटन पोस्ट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने बताया कि केंद्र में भाजपा सरकार है जो की हसदेव में कोयला खनन का विरोध कर रहे हैं केंद्र सरकार उनके खिलाफ इनकम टैक्स, इंटेलिजेंट ब्यूरो, व सीबीआई जैसे एजेंसियों को उनके खिलाफ जांच करने को लगा देती है | उनके द्वारा दिए गए रिपोर्ट में मानना है कि फेस टू की खुदाई जल्द से जल्द सरकार चालू करना चाहती है|

hasdeo jungle

इनके बड़े पैमाने पर विरोध करने के वजह से दूसरे चरण की खुदाई 22 जुलाई 2022 को विधानसभा में सबकी सहमति से हसदेव अरंड में सभी खदानों को खोदने की अनुमति खारिज कर दी गई थी |

नवंबर 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव हुआ जिसमें मौजूदा सरकार बदल कर भाजपा की सरकार बनी जिसके मुख्यमंत्री विष्णु देव साय चुने गए |

विष्णु देव की सरकार ने फिर से खनन की अनुमति दे दी| खनन चालू होते आसपास के गांव वालों ने बड़े पैमाने पर विरोध चालू कर दिया | सरकार ने बहुत संख्या में कटाने वाली मशीन तथा हजारों सैनिकों से सुरक्षा घेरा में पेड़ों की कटाई चालू हुई| जिसमें की बड़े विरोध करने वाले नेताओं की सुबह होने से पहले ही नजर बंद कर दिया गया |

मौजूदा सरकार कहती है कि यह पिछली सरकार के अनुमति के अनुसार ही हो रहा है. जबकि पिछली सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का कहना है कि, हमारी सरकार में खनन का काम पूरी तरह से निरस्त कर दिया गया था|

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